वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि यहां बहुत ही अजीब स्थिति है। हर चुनाव में धारा 144 की निषेधाज्ञा लागू रहती है जिससे कि न तो कोई सार्वजनिक बैठक हो सकती है न ही मतदाताओं को जागरूक करने के लिए यात्रा निकाली जा सकती है। उन्होंने राजस्थान के बाड़मेर का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 16 मार्च को निषेधाज्ञा लगाई गई और वो छह जून तक जारी है।